Sad shayari (Dukhi Dil shayari)
प्यार का रस्ता इतना भी दुश्वार नहीं था,
बस तुमको हमारी चाहत पे ऐतबार नहीं था,
तुम ही चल न सके हमारे साथ वरना,
हमें तो जान देने से भी इन्कार नहीं था।
प्यार का रस्ता इतना भी दुश्वार नहीं था,
बस तुमको हमारी चाहत पे ऐतबार नहीं था,
तुम ही चल न सके हमारे साथ वरना,
हमें तो जान देने से भी इन्कार नहीं था।
सपनों से दिल लगाने की आदत नहीं रही,
हर वक्त मुस्कुराने की आदत नहीं रही,
ये सोच के कि कोई मनाने नहीं आएगा,
अब हमको रूठ जाने की आदत नहीं रही।
फलक के तारों से क्या दूर होगी जुल्मत-ए-शब,
जब अपने घर के चरागों से रोशनी न मिली।
तुम्हारी तलाश में निकलूँ भी तो क्या फायदा..?
तुम बदल गए हो, खो गए होते तो और बात थी।
हर वक्त मुस्कुराने की आदत नहीं रही,
ये सोच के कि कोई मनाने नहीं आएगा,
अब हमको रूठ जाने की आदत नहीं रही।
फलक के तारों से क्या दूर होगी जुल्मत-ए-शब,
जब अपने घर के चरागों से रोशनी न मिली।
तुम्हारी तलाश में निकलूँ भी तो क्या फायदा..?
तुम बदल गए हो, खो गए होते तो और बात थी।
ठोकर न लगा मुझे पत्थर नहीं हूँ मैं,
हैरत से न देख कोई मंज़र नहीं हूँ मैं,
उनकी नजर में मेरी कदर कुछ भी नहीं,
मगर उनसे पूछो जिन्हें हासिल नहीं हूँ मैं।
Thanks
हैरत से न देख कोई मंज़र नहीं हूँ मैं,
उनकी नजर में मेरी कदर कुछ भी नहीं,
मगर उनसे पूछो जिन्हें हासिल नहीं हूँ मैं।
Thanks
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